Noida Breaking: एनटीपीसी दादरी प्लांट परिसर में डयूटी पर तैनात संविदा कर्मचारी की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही ग्रामीणों ने एनटीपीसी के गेट पर हंगामा शुरू कर दिया। करीब चार घंटे तक ग्रामीण धरने पर जमे रहे। एनटीपीसी प्रबंधन, प्रशासन और परिजनों के बीच वार्ता में मुआवजा देने समेत अन्य मांगों के पूरा करने के आश्वासन मिलने पर ग्रामीण लौट गए। दादरी तहसील क्षेत्र के पटाडी गांव निवासी बिजेंद्र शर्मा (40) एनटीपीसी प्लांट में एमजीआर विभाग में बीस वर्ष से कीमैन थे। रोजाना की तरह बिजेंद्र रविवार को प्लांट में ड्यूटी पर तैनात थे। सुबह साढ़े दस बजे एनटीपीसी प्लांट में आने वाली कोयले की ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने पर बड़ी तादाद में ग्रामीण और परिजन मौके पर पहुंच गए। एनटीपीसी के गेट नंबर एक पर ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया।
धरने पर बैठे ग्रामीण
ग्रामीण मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। बढ़ते विरोध को देख एसीपी दादरी सार्थक सेंगर, कोतवाली प्रभारी, जारचा समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने एनटीपीसी प्लांट के गेट को बंद कराकर बैरिकेडिंग लगा दी। मुआवजे के लिए एनटीपीसी से बातचीत की गई। इस दौरान विधान परिषद सदस्य शिक्षक संघ श्रीचंद शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य हरेंद्र सिंह, भाजपा जारचा मंडल अध्यक्ष विचित्र तोमर, ग्राम प्रधान बिसाहडा नरेंद्र सिंह, रिंकू मित्तल, उपजिलाधिकारी दादरी आलोक कुमार गुप्ता समेत अधिकारियों की परिजनों के साथ करीब चार घंटा तक वार्ता चली। मुआवजे को लेकर सहमति बनने के बाद ग्रामीण शांत हुए।
वहीं कर्मी के मौैत के बाद दादरी सार्थक सेंगर ने बताया कि एनटीपीसी अधिकारियों और परिजनों ने स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की। जिसमें एनटीपीसी की तरफ से बिजेंद्र की पत्नी को 20 लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी, ईएसआई की तरफ से पेंशन और बच्चों को इंटर तक फ्री शिक्षा देने की बात कही गई। वहीं प्रशासन की तरफ से 30 हजार रुपये और पांच लाख रुपये किसान मुआवजा का आश्वासन व उत्तर प्रदेश सरकार से मिलने वाली सुविधाओं पर सहमति बनी है।