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Nishikant Dubey on SC: वक्फ संशोधन बिल 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच देश की सियासत में जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को लेकर की गई विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। दुबे ने सीजेआई को “गृहयुद्ध भड़काने के लिए जिम्मेदार” ठहराया, जिस पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत कई दलों ने उन्हें तुरंत जेल भेजने और उनके खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करने की मांग की है।
बीजेपी ने झाड़ा पल्ला
मामला तूल पकड़ता देख भारतीय जनता पार्टी को सफाई देनी पड़ी। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बयान जारी कर कहा, “निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा न्यायपालिका और देश के मुख्य न्यायाधीश पर दिए गए बयान पूरी तरह से व्यक्तिगत हैं। भारतीय जनता पार्टी का ऐसे बयानों से कोई लेना–देना नहीं है। पार्टी इन बयानों को पूरी तरह से अस्वीकार करती है।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी हमेशा से ही न्यायपालिका का सम्मान करती आई है और देश के संविधान के तहत काम करती रही है। साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सख्त हिदायत दी है।
विपक्ष हमलावर
विपक्ष ने बीजेपी पर न्यायपालिका के प्रति दोहरे रवैये का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “यह न केवल सुप्रीम कोर्ट का अपमान है, बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ सीधी चुनौती है।”
उधर, बीजेपी के ही कुछ नेता न्यायपालिका पर सवाल उठाते नजर आए। राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि मणिपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया, लेकिन पश्चिम बंगाल की हिंसा पर चुप्पी साध ली है। वहीं सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि संसद को कोई भी निर्देश नहीं दे सकता क्योंकि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वह विधेयक कानून बन चुका है। अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई और संभावित कानूनी कदमों पर टिकी हुई है।