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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस भारतीय राजनीति में एक अहम और विवादित मामला बन गया है, जिसमें कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। यह मामला 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के शेयरों और संपत्तियों को अवैध रूप से हासिल किया है।
फर्जी लेन- देन का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मामले की जांच करते हुए 2023 में YIL की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की, जिसमें दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित महत्वपूर्ण संपत्तियां शामिल हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई। ED का आरोप है कि YIL ने AJL के 90 करोड़ रुपये के कर्ज को सिर्फ 50 लाख रुपये में निपटाकर संपत्तियां हासिल कीं, जो एक "फर्जी लेनदेन" प्रतीत होता है।
शेल कंपनी बनाकर की लेनदेन
सोनिया और राहुल गांधी ने ED के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि वित्तीय मामलों की जिम्मेदारी दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा पर थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाईआईएल एक गैर-लाभकारी संगठन है और इससे कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं लिया गया। हालांकि, ईडी ने इस संगठन को "शेल कंपनी" माना और आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य केवल एजेएल की संपत्तियों को हासिल करना था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2015 में आयकर विभाग द्वारा किए गए पुनर्मूल्यांकन के खिलाफ सोनिया और राहुल गांधी की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके बाद ईडी ने 2023 में एजेएल और वाईआईएल के खिलाफ संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की। इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है, जबकि भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई बताया है।