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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने आतंकियों को "नीच और कमीने कुत्ते" करार देते हुए कहा कि ये लोग नाम और मजहब पूछकर निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे थे। ओवैसी ने इस हमले को मानवता पर हमला बताया और सुरक्षा व्यवस्था में चूक पर सवाल उठाए। उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकवाद की जड़ें खत्म करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की।
आतंकियों की क्रूरता पर गुस्सा
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। ओवैसी ने हैदराबाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "इन आतंकियों ने जानवरों से भी बदतर हरकत की। वे नाम और मजहब पूछकर लोगों को मार रहे थे। यह नरसंहार है।" उन्होंने इस हमले को आतंकवाद की विचारधारा से जोड़ा, जो किसी धर्म से संबंधित नहीं है। ओवैसी ने कहा कि आतंकवाद की जड़ को खत्म करना जरूरी है, अन्यथा ऐसी घटनाएं बार-बार होंगी।
AIMIM Cheif of Owaishi (एआईएमआईएम) के प्रमुख ने पहलगाम जैसे पर्यटन स्थल पर सुरक्षा इंतजामों की कमी पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "घटना स्थल पर न तो पुलिस थी और न ही सीआरपीएफ का कोई कैंप। क्विक रिएक्शन टीम को पहुंचने में 45 मिनट से एक घंटा लग गया।" ओवैसी ने सवाल उठाया कि आखिर आतंकी पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्र में कैसे पहुंचे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आतंकी यहां तक पहुंच सकते हैं, तो श्रीनगर भी उनके निशाने पर हो सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि खुफिया चूक की जिम्मेदारी तय की जाए।
ओवैसी ने हमले में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उम्मीद जताई कि सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाएगी। उन्होंने कहा, "हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि इन आतंकियों को सख्त सजा मिले।" साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। ओवैसी ने यह भी कहा कि वह मौका मिलने पर पहलगाम जाएंगे और वहां भी वही बातें कहेंगे जो उन्होंने हैदराबाद में कही हैं।
अंत में, ओवैसी ने देशवासियों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, "यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद किसी धर्म या समुदाय का नहीं, बल्कि मानवता का दुश्मन है। इस घटना ने एक बार फिर कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं