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News by Neha   31 Mar, 2025 09:40 AM

Myanmar Earthquake: म्यांमार में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। लोग अभी भयानक भूकंप से उबरे भी नहीं थे कि अब उन्हें अपनी ही सेना के हमलों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार (28 मार्च) को म्यांमार में आए दो भयंकर भूकंपों ने देश को हिला कर रख दिया। इस आपदा में 1700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 3400 से ज्यादा घायल हो गए। हजारों घर तबाह हो गए, जिससे लोग बेघर हो गए। सड़कों, पुलों और हवाई अड्डों जैसे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ। संचार प्रणाली ध्वस्त हो गई, जिससे राहत और बचाव कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं।

भूकंप के बाद सेना के हमले

जहां एक तरफ लोग अपनों को खोने के गम में डूबे थे, वहीं दूसरी तरफ देश की सेना ने भी उन पर हमला बोल दिया। जुंटा सैन्य शासन ने भूकंप प्रभावित इलाकों में हवाई हमले किए। सेना ने दावा किया कि वह विद्रोही गुटों को निशाना बना रही है, लेकिन इन हमलों में आम नागरिक भी मारे जा रहे हैं। म्यांमार के सबसे पुराने सशस्त्र समूहों में से एक ‘केरेन नेशनल यूनियन’ ने आरोप लगाया कि सेना को इस समय राहत कार्यों में जुटना चाहिए, लेकिन वह अपने ही लोगों पर बम बरसा रही है।

मलबे में दबे लोग, चारों ओर चीखें 

भूकंप के बाद अब भी कई लोग मलबे में दबे हैं। जिनकी जान चली गई, उनके शव सड़ रहे हैं और वहां से तेज दुर्गंध उठ रही है। कई शहरों में हालात बेहद भयावह हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी चेतावनी दी है कि देश में चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी हो गई है, जिससे घायलों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है। म्यांमार इस वक्त दोहरी मार झेल रहा है—एक तरफ प्रकृति का कहर और दूसरी तरफ अपनी ही सेना के हमले। लोगों की तकलीफें बढ़ती जा रही हैं, लेकिन राहत पहुंचाने के बजाय हिंसा का सिलसिला जारी है।

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