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यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की 47वीं बैठक इन दिनों पेरिस में चल रही है। इस दौरान दुनियाभर से 26 नई जगहों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में शामिल किया गया है। इनमें भारत का मराठा मिलिट्री लैंडस्केप भी शामिल है। यह भारत की 44वीं वर्ल्ड हेरिटेज साइट बन गई है। बता दें कि मराठा साम्राज्य के समय बनाए गए 12 किले इसमें शामिल हैं, जिनमें महाराष्ट्र के शाल्हेर, शिवनेरी, लोहगड़, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग, पन्हाला, खांदेरी और तमिलनाडु का जिंजी किला शामिल है। ये सभी किले मराठाओं की सैन्य रणनीति और मजबूत किलाबंदी का प्रतीक हैं।
यूनेस्को ने और किन साइट्स को दी मान्यता
वहीं यूनेस्को की तरफ से और भी साइट्स की बात करें तो 11 से 13 जुलाई तक चली बैठक में कुल 30 नए स्थलों को शामिल किया गया। इनमें 21 सांस्कृतिक, 4 प्राकृतिक और 1 मिक्स साइट शामिल हैं। इसमें मुख्य रूप से ब्राजील के पेरुआसू नदी घाटी, जर्मनी के राजा लुडविग II के महल, रूस के शुलगन-ताश गुफा की चित्रकारी शामिल है।
इसके साथ ही यूनेस्को ने इस बार ग्रीस के मिनोअन महल, उत्तर कोरिया के कुमगांग पर्वत, जमैका के पोर्ट रॉयल का पुरातात्विक क्षेत्र, डेनमार्क के मोंस क्लिंट की बर्फीली चट्टानें, कंबोडिया के खमेर रूज शासन की यातना स्थलों को शांति स्थलों में बदला गया वहीं गिनी-बिसाऊ और सिएरा लियोन पहली बार उनके किसी स्थल को यूनेस्को सूची में जगह मिली।
तीन साइट्स को खतरे की सूची से किया गया बाहर
इसके अलावा नौ जुलाई को हुई बैठक में तीन अफ्रीकी स्थलों को खतरे में पड़ी वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूची से हटाया गया। इसमें अबू मेना (मिस्र), अत्सिनानाना के वर्षावन (मेडागास्कर) और घडामेस का पुराना शहर (लीबिया) का नाम शामिल है।
भारत ने जुलाई 2024 में की थी WHC बैठक की मेजबानी
इससे पहले WHC की 46वीं बैठक जुलाई 2024 में पहली बार भारत की राजधानी दिल्ली में हुई थी। यह ऐतिहासिक कदम न केवल भारत के सांस्कृतिक गौरव को दुनिया में स्थापित करता है, बल्कि हमारे ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी है।