Pakistan Panic: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान ने भारत के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और अपनी नौसेना को हाई अलर्ट पर रखा है। खबरों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना को भारत से जवाबी कार्रवाई का डर सता रहा है। इस बीच, भारत ने भी कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें पाकिस्तानी जहाजों पर भारतीय बंदरगाहों में प्रतिबंध और हवाई क्षेत्र को बंद करने की योजना शामिल है।
पाकिस्तान में सैन्य तैयारियां
पाकिस्तानी सेना ने अपनी नौसेना के जहाजों, जिसमें फ्रिगेट और पनडुब्बियां शामिल हैं, को बंदरगाहों में तैनात किया है ताकि भारत की किसी भी संभावित सैन्य गतिविधि का जवाब दिया जा सके। पाकिस्तानी वायुसेना ने अपनी उड़ानें 50% से अधिक कम कर दी हैं और केवल आवश्यक उड़ानों को अनुमति दी जा रही है ताकि हवाई क्षेत्र में किसी भी भ्रम से बचा जा सके। साथ ही, पाकिस्तान ने सियालकोट सेक्टर में रडार सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण तैनात किए हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने पीओके में आतंकी लॉन्च पैड खाली करवाए और आतंकियों को सैन्य बंकरों में स्थानांतरित किया है।
भारत की जवाबी कार्रवाई
पहलगाम में 26 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के बाद भारत ने कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कड़े कदम उठाए हैं। भारत ने 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जिसे पाकिस्तान ने युद्ध की कार्रवाई माना है। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी दूतावास के सैन्य सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित किया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए। भारत अब पाकिस्तानी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने और पाकिस्तानी जहाजों पर बंदरगाह प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।
आर्थिक नुकसान की चिंता
पाकिस्तान का अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने का फैसला उसे आर्थिक रूप से भारी पड़ सकता है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद हवाई क्षेत्र बंद करने से पाकिस्तान को करीब 100 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। इस बार भी, भारतीय उड़ानों से मिलने वाला ओवरफ्लाइट शुल्क बंद होने से पाकिस्तान को रोजाना लाखों डॉलर का नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर, भारतीय एयरलाइंस को लंबे रास्तों के कारण ईंधन लागत में 15-30% की वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) ने हमले की निंदा की है, हालांकि पाकिस्तान के सहयोगी चीन के दबाव में प्रस्ताव को नरम किया गया। अमेरिका और ब्रिटेन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि भारत का हमला आसन्न है, और पाकिस्तान अपनी रक्षा के लिए तैयार है। इस बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को पूरी स्वतंत्रता दी है। तनाव बढ़ने से दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका बढ़ रही है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि दोनों पक्ष पूर्ण युद्ध से बचने की कोशिश करेंगे।
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