कनाडा के आम चुनाव में लिबरल पार्टी की जीत के साथ मार्क कार्नी ने दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है। पूर्व बैंकर और बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रहे कार्नी ने जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद मार्च 2025 में पहली बार यह पद संभाला था। अब, डेढ़ महीने के भीतर, उन्होंने 29 अप्रैल 2025 को हुए चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिलाकर फिर से सत्ता हासिल की। भारत के प्रति उनका दृष्टिकोण चर्चा का केंद्र बना हुआ है, क्योंकि ट्रूडो के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे थे।
भारत के साथ संबंधों में नई शुरुआत
मार्क कार्नी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान भारत के साथ व्यापारिक और राजनयिक संबंधों को बेहतर करने की प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने कहा था, “कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना चाहता है, और भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर मौजूद हैं।” कार्नी ने हाल ही में एक हिंदू मंदिर का दौरा भी किया, जिसे भारत के प्रति उनके सकारात्मक रुख के रूप में देखा गया।
ट्रूडो युग से अलग दृष्टिकोण
जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। ट्रूडो ने भारत पर इस हत्याकांड में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। इस विवाद के कारण दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) की वार्ता भी रुक गई थी।
कार्नी ने इस तनाव को कम करने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा, “निज्जर हत्याकांड के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव रहा है, लेकिन मैं इसे सुधारने को प्राथमिकता दूंगा।” विशेषज्ञों का मानना है कि कार्नी का आर्थिक अनुभव और वैश्विक दृष्टिकोण दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा दे सकता है। 2023 में भारत-कनाडा का द्विपक्षीय व्यापार 13.49 अरब कैनेडियन डॉलर था, और कार्नी इसे और बढ़ाने के पक्षधर हैं।
चुनौतियां और संभावनाएं
हालांकि, कार्नी के सामने लिबरल पार्टी के भीतर खालिस्तानी समर्थकों का प्रभाव कम करने की चुनौती है। भारत कनाडा में भारत-विरोधी गतिविधियों पर कड़ा रुख अपनाने की उम्मीद करता है। कार्नी की नीतियां और कूटनीतिक कदम इस दिशा में निर्णायक होंगे। मार्क कार्नी का नेतृत्व भारत-कनाडा संबंधों के लिए एक नई शुरुआत का संकेत देता है। उनकी आर्थिक विशेषज्ञता और सकारात्मक दृष्टिकोण दोनों देशों के बीच सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
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