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राष्ट्रीय

News by Goldi   05 May, 2025 17:46 PM
Cyber Attack: पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ साइबर युद्ध की रणनीति अपनाई है। हाल ही में, पाकिस्तानी हैकर्स के एक समूह, जिसे 'पाकिस्तान साइबर फोर्स' के नाम से जाना जाता है, ने भारत के रक्षा संस्थानों पर साइबर हमले का दावा किया है। इस समूह ने भारतीय सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (MES) और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (IDSA) की वेबसाइटों को हैक करने की बात कही है। इसके साथ ही, अवधि निगम लिमिटेड (AVNL) की वेबसाइट को भी डिफेस करने का दावा किया गया है। यह घटना भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सामने आई है, खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद।
 
 
साइबर हमले का दावा और भारत की प्रतिक्रिया
 
पाकिस्तान साइबर फोर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि उसने इन रक्षा संस्थानों से संवेदनशील डेटा प्राप्त किया है। हालांकि, भारतीय साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस दावे की जांच शुरू कर दी है और प्रभावित वेबसाइटों को ऑफलाइन कर दिया गया है। भारतीय साइबर टीमें हाई अलर्ट पर हैं और डेटा उल्लंघन की संभावना को कम करने के लिए तत्काल कदम उठा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, यह हमला भारत की रक्षा प्रणाली को कमजोर करने और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश हो सकता है।
 
भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की छद्म इकाई द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को जिम्मेदार ठहराया है। इसके जवाब में, भारत ने कई कड़े कदम उठाए, जिनमें इंदुस वाटर्स ट्रीटी को निलंबित करना, पाकिस्तानी आयात पर पूर्ण प्रतिबंध, और अटारी सीमा चौकी को बंद करना शामिल है। इस साइबर हमले को पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
 
 
साइबर युद्ध का बढ़ता खतरा
 
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान पिछले कुछ वर्षों से भारत के खिलाफ साइबर हमलों को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। यह हमला न केवल रक्षा संस्थानों के लिए खतरा है, बल्कि भारत की डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर भी सवाल उठाता है। विशेषज्ञों ने सरकार से साइबर सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की मांग की है।
 
 
भारत की रणनीति और भविष्य के कदम
 
भारत ने इस हमले के जवाब में अपनी साइबर सुरक्षा रणनीति को और सख्त करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक ने सभी सरकारी और निजी संस्थानों को अपनी डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, भारत इस मुद्दे को वैश्विक मंचों पर उठाने की योजना बना रहा है ताकि पाकिस्तान को 'आतंक का प्रायोजक' देश के रूप में उजागर किया जा सके।

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