कनाडा में 28 अप्रैल 2025 को हुए संघीय चुनावों में लिबरल पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिसके बाद भारतीय-कनाडाई समुदाय की नजरें भारतवंशी उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर टिकी थीं। इस चुनाव में भारतीय मूल के करीब 75 उम्मीदवारों ने हाउस ऑफ कॉमन्स की 343 सीटों के लिए चुनाव लड़ा, जिसमें अनीता आनंद ने शानदार जीत दर्ज की, जबकि जगमीत सिंह और अमरजीत सोही को हार का सामना करना पड़ा।
अनीता आनंद की शानदार जीत
भारतीय मूल की अनीता आनंद, जो ओकविले से लिबरल पार्टी की उम्मीदवार थीं, ने अपनी सीट बरकरार रखी। 58 वर्षीय आनंद, जो नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्री हैं, ने अपनी जीत को कनाडा के समावेशी भविष्य के लिए एक कदम बताया। उन्होंने पहले राष्ट्रीय रक्षा मंत्री और ट्रेजरी बोर्ड अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उनकी जीत को भारतीय-कनाडाई समुदाय ने गर्व के साथ देखा, खासकर तब जब उन्होंने पहले प्रधानमंत्री पद की दौड़ से नाम वापस लिया था, लेकिन बाद में चुनाव लड़ने का फैसला किया।
जगमीत सिंह और अमरजीत सोही की हार
न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह को ब्रिटिश कोलंबिया की बर्नाबी सेंट्रल सीट से लिबरल पार्टी के वेड चांग ने हराया। इस हार के बाद सिंह ने एनडीपी के नेता पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी पार्टी को केवल 7 सीटों पर बढ़त मिली, जो 12 सीटों के राष्ट्रीय पार्टी दर्जे से कम है। दूसरी ओर, एडमॉन्टन साउथईस्ट से लिबरल उम्मीदवार अमरजीत सोही को कंजर्वेटिव पार्टी के जगशरण सिंह महल ने 53.6% वोटों के साथ शिकस्त दी। सोही, जो पंजाब के संगरूर से हैं और 2021 से एडमॉन्टन के मेयर थे, को 38.3% वोट मिले।
भारतवंशी उम्मीदवारों का प्रदर्शन
चुनाव में कई अन्य भारतवंशी उम्मीदवारों ने भी हिस्सा लिया। ब्रैम्पटन वेस्ट से लिबरल उम्मीदवार कमल खेरा को कंजर्वेटिव पार्टी के अमरजीत गिल से हार का सामना करना पड़ा। खेरा, जो दिल्ली में जन्मीं और कनाडा की सबसे युवा सांसदों में से एक हैं, वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री हैं। वहीं, कंजर्वेटिव पार्टी के जगशरण सिंह महल और अमरजीत गिल जैसे भारतवंशी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, जिससे भारतीय-कनाडाई समुदाय की राजनीतिक विविधता उजागर हुई।
चुनाव का व्यापक परिणाम
लिबरल पार्टी ने 167 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी 145, ब्लॉक क्यूबेकॉइस 23, एनडीपी 7 और ग्रीन पार्टी 1 सीट पर आगे रही। भारतीय-कनाडाई समुदाय, जो कनाडा की राजनीति में एक प्रमुख मतदाता समूह है, ने इस चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की।
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