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राष्ट्रीय

News by Goldi   05 May, 2025 18:31 PM
India-Rassia: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और वे इस साल के अंत में भारत में आयोजित होने वाली वार्षिक भारत-रूस शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। क्रेमलिन ने सोमवार को इसकी पुष्टि की, जिसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया। यह पुतिन का 2022 में यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद भारत का पहला दौरा होगा, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहराई को दर्शाता है।

भारत-रूस संबंधों में नया अध्याय
 
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह टेलीफोनिक वार्ता कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता पर बल दिया और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। पुतिन ने इस हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर इस बातचीत की जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी की मजबूती पर प्रकाश डाला।
 
 
शिखर बैठक का एजेंडा
 
हालांकि बैठक की तारीख और विस्तृत एजेंडा अभी सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह शिखर सम्मेलन रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। भारत और रूस ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है, जो वर्तमान में लगभग 60 बिलियन डॉलर है। इसके अलावा, यूक्रेन-रूस संघर्ष पर भी चर्चा होने की संभावना है, क्योंकि भारत ने लगातार शांति और कूटनीति के माध्यम से समाधान की वकालत की है।


ऐतिहासिक संबंधों की मजबूती
 
भारत और रूस के बीच संबंध दशकों पुराने हैं, जो आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित हैं। दोनों देशों के बीच यह 23वां वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा, जो विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेगा। इससे पहले, PM मोदी ने 2024 में दो बार रूस का दौरा किया था - जुलाई में 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए और अक्टूबर में कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए। पुतिन और मोदी नियमित रूप से फोन पर बातचीत करते हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी मुलाकात करते हैं, जो उनके व्यक्तिगत और राजनयिक रिश्तों की गर्मजोशी को दर्शाता है।


वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका
 
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक भू-राजनीति में बदलाव देखा जा रहा है। भारत ने यूक्रेन संकट में तटस्थ रुख अपनाया है और दोनों पक्षों के साथ बातचीत की पेशकश की है। पुतिन का यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीति में बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करेगा। 

 
 

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