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राष्ट्रीय

News by Goldi   04 May, 2025 13:47 PM
Pahalgam Attack: भारतीय सेना ने अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करते हुए रूस से अत्याधुनिक इग्ला-एस (Igla-S) मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) की नई खेप प्राप्त की है। यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना इस सौदे के तहत 90 और इग्ला-एस मिसाइलें खरीदने की योजना बना रही है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और सुदृढ़ होगी।
 
इग्ला-एस मिसाइल (IGLA-S)
 
इग्ला-एस एक कंधे से दागी जाने वाली वायु रक्षा मिसाइल है, जो कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों को निशाना बनाने में सक्षम है। इसकी उन्नत तकनीक और सटीकता इसे आधुनिक युद्ध में एक महत्वपूर्ण हथियार बनाती है। यह मिसाइल 6 किलोमीटर की रेंज और 3.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक लक्ष्य को भेद सकती है। भारतीय सेना ने इसे विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर तैनात करने की रणनीति बनाई है।
पिछले साल अप्रैल 2024 में भारत को इस सिस्टम की पहली खेप मिली थी, जिसमें 100 मिसाइलों के साथ 24 लॉन्चर शामिल थे। इस सौदे का एक हिस्सा भारत में 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निर्मित किया जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बढ़ावा देगा।
 
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सतर्कता
 
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारतीय सुरक्षा बलों को और सतर्क कर दिया है। इस हमले के बाद भारत ने अपनी सीमाओं पर सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है। इग्ला-एस मिसाइलों की नई खेप का आगमन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल सिस्टम भारतीय सेना को न केवल रक्षात्मक बल्कि आक्रामक रणनीति में भी बढ़त दिलाएगा।
 
 
भविष्य की योजनाएं और रणनीति
 
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत 90 और इग्ला-एस मिसाइलों की खरीद के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहा है। इस सौदे से भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूती मिलेगी। साथ ही, भारत में इन मिसाइलों के निर्माण से स्थानीय उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत की सामरिक तैयारियों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
 
इग्ला-एस मिसाइलों की तैनाती और भविष्य में इसकी और खरीद भारत की रक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह न केवल दुश्मनों के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और सैन्य ताकत को भी दर्शाता है। आने वाले समय में भारतीय सेना की यह रणनीति क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को और मजबूत करेगी। 

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