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Farmer Protest: पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 महीने से डेरा डाले किसानों को हटा दिया है। इस दौरान पुलिस ने किसान नेताओं सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने यह कार्रवाई उस वक्त की जब किसान नेता चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से बैठक कर लौट रहे थे।
किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने बड़ी तैयारी की थी। करीब 3,000 पुलिसकर्मियों को बॉर्डर पर तैनात किया गया, ताकि किसी तरह की हिंसा न हो। मोहाली में जब पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में लिया, तो किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई। हालात बिगड़ने की आशंका में सरकार ने कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दीं।
कैसे हुई पुलिस कार्रवाई?
19 मार्च को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई, जो चार घंटे चली। दोपहर तीन बजे बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता मीडिया से बातचीत कर लौट रहे थे। शाम 5 बजे पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही हिरासत में ले लिया। इसके बाद शाम 6 बजे पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों को भी चेतावनी देकर हटाना शुरू किया।
करीब 7 बजे पुलिस ने जेसीबी मशीन से किसानों के टेंट, मंच और बैरिकेड्स हटा दिए। इसके बाद किसानों का विरोध बढ़ने लगा और बड़ी संख्या में किसान फिर से बॉर्डर पर पहुंचने लगे। इस दौरान उन्होंने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
क्या बोले पुलिस अधिकारी?
पटियाला के एसएसपी नानक सिंह ने बताया कि किसानों को पहले चेतावनी दी गई थी। जो किसान घर जाना चाहते थे, उन्हें बस से भेज दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अब पंजाब की तरफ से सड़क खाली हो गई है, लेकिन रास्ता तभी पूरी तरह खुलेगा जब हरियाणा सरकार भी अपने बैरिकेड्स हटा देगी। फिलहाल बॉर्डर पर तनाव बना हुआ है और किसान आगे की रणनीति बना रहे हैं।