Share this link via
Or copy link
Delhi Ordinance: दिल्ली अध्यादेश को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद चल रहा है। जहां अध्यादेश से जुड़े बिल पर आज यानी गुरुवार (3 अगस्त) को लोकसभा में चर्चा शुरू हुई। जिस दौरान देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में जमकर दिल्ली सरकार और विपक्ष पर हमला किया। दिल्ली सेवा विधेयक को लेकर अमित शाह ने कहा, "संविधान में ऐसे प्रावधान हैं जो केंद्र को दिल्ली के लिए कानून बनाने की अनुमति देते हैं। विपक्ष ने बिल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बताया लेकिन ऐसा नहीं है। इसके साथ हीं गृहमंत्री ने कहा कि,कुछ लोगों ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का उलंघन किया गया है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उन्होंने केवल वही पढ़ा है जो उन्हें अच्छा लगता है. आगे पढ़ा ही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ही यह कहा गया है कि संसद दिल्ली राजधानी क्षेत्र के लिए कोई भी कानून बनाया जा सकता है।
आम आदमी पार्टी पर कसा तंज
आगे दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री कहते है कि, "साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं. समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार पाना नहीं, बल्कि अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर नियंत्रण हासिल करना है, जैसे कि अपने लिए बंगले बनाना। इसके बाद अमित शाह ने कहा कि, विपक्ष के गठबंधन बनाने के बाद भी, नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से पीएम बनेंगे. मैं विपक्षी सांसदों से अपील करता हूं कि वे दिल्ली के बारे में सोचें, अपने गठबंधन के बारे में नहीं."
आपके जानकारी के लिए बता दें कि, दिल्ली सेवा बिल मंगलवार 2 अगस्त को लोकसभा में पेश कर दिया गया था। लोकसभा में आज इसे लेकर चर्चा हुई। सभी विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही है। लोकसभा में 543 सांसदों में से सरकार के पास 353 सांसद हैं। विपक्ष के साथ 153 सांसदों का समर्थन है.