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दिल्ली

News by Shubham   09 Aug, 2023 00:04 AM

Delhi Service Bill: आम आदमी पार्टी करती रही विरोध, दिल्ली अध्यादेश राज्यसभा में हुआ पास, केजरीवाल नाराज, कही ये बातें दिल्ली सरकार में अधिकारियों के ट्रांसफर से जुड़ा हुआ बिल राज्यसभा में पास कर दिया गया है। देश की राजधानी दिल्ली के शासन (संशोधन) विधेयक 2023 पहले से ही लोकसभा से में पास हो चुका था। अब ये विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का रूप लेगा। इस बिल का दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) शुरुआत से विरोध करती आई है।

दिल्ली सरकार की शक्तियां होंगी कम, बोले केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बिल के पास होने के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, होते ही कहा, "आज का दिन भारत के इतिहास में काला दिन साबित हुआ। बता दें कि, बिल के पास होने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केजरीवाल ने इस दौरान कहा, "आज का दिन भारत के इतिहास में काला दिन साबित हुआ। आज दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला बिल पास कर दिया गया। जब हम आजाद नहीं हुए थे साल 1935 में अंग्रेजों ने कानून बनाया था उसमें ये लिखा था कि चुनाव तो होंगे लेकिन चुनी हुई सरकार को काम करने की शक्तियां नहीं होंगी। जब आज़ादी मिली तो संविधान में लिखा कि चुनी हुई सरकार को काम करने की आज़ादी होगी। आज 75 साल बाद मोदी जी ने आज़ादी छीन ली दिल्ली के लोगों के वोट की कोई कीमत नहीं बची।"

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटा गया"

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को कहा कि भारत एक जनतंत्र है। जिसमें जनता सरकार चुनती है और सरकार को काम करने की ताकत होनी चाहिए। एक हफ्ते के अंदर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया गया और अध्यादेश ले आए। इस कानून में लिखा है कि जनता किसे भी चुने लेकिन सरकार उपराज्यपाल और मोदी जी चलाएंगे। जिस देश के प्रधानमंत्री सुप्रीम को नहीं मानते तो उस देश का क्या भविष्य हो सकता है।"
 दरअसल, इस विधेयक से केजरीवाल सरकार की शक्तियां कम हो जाएंगी। तो आइए इस बात पर नजर नजर डालते हैं कि दिल्ली सरकार कितनी कमजोर हो जायगी?

उपराज्यपाल को होगा फायदा

दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियों को ये बिल बढ़ा देगा। दिल्ली सरकार के अधीन सेवारत सभी नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े मामलों में ये बिल दिल्ली एलजी को अंतिम प्राधिकारी बनाता है। बता दें कि, विधानसभा द्वारा अधिनियमित बोर्डों या फिर आयोगों के प्रमुखों को नियुक्त करने की भी दिल्ली एलजी को शक्ति होगी। विधेयक में दिल्ली सिविल सेवा प्राधिकरण यानी कि NCCSA की स्थापना का भी प्रावधान है। जो कि समूह ‘A’ अधिकारियों (IAS) और दानिक्स (दिल्ली व अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सिविल सेवा) के अधिकारियों के लिए पोस्टिंग और स्थानांतरण की सिफारिश करने के लिए जिम्मेदार होगा।

पक्ष में 131 और विपक्ष में पड़े 102 वोट

बताते चलें कि सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इस बिल को पेश किया। इस विधेयक पर पक्ष और विपक्ष में बहस होने के बाद वोटिंग हुई। जिसमें बिल के पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े।

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