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Delhi: दिल्ली में यमुना के भयावह रुप के चलते पूरे दिल्ली में बाढ़ और जलजमाव हो गया है। जिसके बाद दिल्ली वासियों के लिए एक और नई परेशानी सामने आई है डेंगू के रुप में। बता दें कि, जलजमाव के चलते डेंगू के मामले ने दोगुनी रफ्तार पकड़ ली है। अगर पिछले सप्ताह की करें तो, दिल्ली में डेंगू के 14 मामले सामने आए थे, जबकि इस सप्ताह यह आंकड़ा बढ़कर 27 हो गया है। जुलाई माह के पहले 15 दिनों में ही 41 मामले सामने आ चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले छह साल में सबसे अधिक है। वहीं बात अगर दिल्ली नगर निगम की करें तो दिल्ली नगर निगम के द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि, दिल्ली में अभी तक डेंगू के 163 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं मलेरिया के इस सप्ताह 11 मामले सामने आए। अभी तक 54 मामले हो चुके हैं। वहीं चिकनगुनिया का एक मामला सामने आया।
सैरभ भारद्वाज ने किया अस्पताल का दौरा, कही ये बातें
बता दें कि, दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वामी दयानंद और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल का दौरा किया। जिसके बाद उन्होने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, अगर राहत केंद्रों से इमरजेंसी में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे लक्षण वाले मरीज आएं तो परिसर में बने डिजास्टर मैनेजमेंट वार्ड में भर्ती किया जाए। साथ ही उनकी स्थिति को मॉनिटर किया जाए। निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय विधायक, एमसीडी मेयर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे। अस्पताल का दौरा करने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भारद्वाज ने इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि, बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली पर पड़ा है। यहां पर प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में लाया गया है। इनमें त्वचा, बुखार के मामले ज्यादा मिल रहे हैं। इसके बाद आशंका जताते हुए कहा कि, डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां पनपने का भी खतरा बढ़ गया है। हालांकि वर्तमान में राहत शिविरों में ऐसे मामले देखने को नहीं मिल रहे है। फिर भी केजरीवाल सरकार स्थिति पर लगातार नजर रखे है। बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्वामी दयानंद अस्पताल और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में वेक्टर जनित बीमारियों के मरीजों के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट वार्ड बनाया गया है।