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Amit Shah on Naxalism: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (21 मार्च 2025) को राज्यसभा में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि अगले साल 31 मार्च तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने यह बयान गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान दिया। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने बीते 10 वर्षों में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सुनियोजित रणनीति, विकास योजनाओं और सही संसाधन आवंटन पर जोर दिया है। इसी का नतीजा है कि अब नक्सलवाद अपने अंत की ओर बढ़ रहा है।"
कांग्रेस पर निशाना
अमित शाह ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की 16,463 घटनाएं हुई थीं, लेकिन अब इसमें 53% की कमी आई है। उस दौर में 1,851 सुरक्षा बलों के जवान शहीद हुए थे, जबकि बीते 10 वर्षों में यह संख्या घटकर 509 रह गई है, यानी 73% की गिरावट आई है। वहीं, नागरिकों की मौत के मामलों में भी 70% की कमी दर्ज की गई है।
गृह मंत्री ने बताया कि दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद 2,619 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया या उन्हें मार गिराया गया। उन्होंने कहा, "जो इलाके पहले नक्सलवाद के गढ़ थे, वहां भी अब सरकार की योजनाएं पहुंच चुकी हैं। हमारे जवान हर चुनौती का सामना कर रहे हैं और नक्सलवाद धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।"
सरकार की रणनीति से कमजोर हुआ नक्सलवाद
अमित शाह ने बताया कि भाजपा सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया। सिर्फ पिछले 5 सालों में 1,000 बैंक शाखाएं, 937 एटीएम और 5,731 डाकघर खोले गए। इसके अलावा, सड़कें, बिजली और अन्य सुविधाएं भी गांवों तक पहुंचाई गईं। उन्होंने कहा कि "हमारी सरकार की नीतियों का ही असर है कि नक्सलवाद अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है।"
तीन प्रमुख आतंकवादी चुनौतियां
गृह मंत्री ने कहा कि देश को तीन बड़ी आतंकवादी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। पहला जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, दूसरा वामपंथी नक्सलवाद और तीसरा पूर्वोत्तर का उग्रवाद था। उन्होंने बताया कि पिछले चार दशकों में इन कारणों से 92,000 नागरिकों की जान जा चुकी है। लेकिन, मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए, जिनका असर अब दिखने लगा है।