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अहमदाबाद में हुए दर्दनाक एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर एविएशन विशेषज्ञ और रिटायर्ड कैप्टन आलोक सिंह ने अपनी राय दी है। इस हादसे में 241 लोगों की जान गई, जबकि एक यात्री बच गया। सिंह ने कहा कि यह घटना एविएशन इंडस्ट्री के लिए 'ब्लैक डे' के रूप में जानी जाएगी।
उन्होंने बताया कि शुरुआती वीडियो देखकर लगता है कि विमान ने उड़ान के कुछ ही सेकेंड बाद लिफ्ट देना बंद कर दिया। इसके पीछे संभावित कारणों में दोनों इंजनों का थ्रस्ट खो जाना, ईंधन की आपूर्ति रुकना, पक्षी से टकराव, तकनीकी खराबी या पायलट की गलती हो सकती है।
ब्लैक बॉक्स से मिलेंगे हादसे के सुराग
आलोक सिंह ने बताया कि हादसे की असली वजह का पता ब्लैक बॉक्स के जरिए चलेगा। ब्लैक बॉक्स में दो अहम हिस्से होते हैं – कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR)। इसमें पायलट्स की बातचीत और विमान के सभी तकनीकी पैरामीटर्स रिकॉर्ड होते हैं। ये डेटा जांच एजेंसियों द्वारा विश्लेषित किया जाएगा।
ड्रीमलाइनर की विश्वसनीयता पर भरोसा
उन्होंने कहा कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक भरोसेमंद विमान है और पिछले 11-12 वर्षों में इससे जुड़ा यह पहला बड़ा हादसा है। हालांकि हाल ही में इसकी पुरानी उड़ानों में कुछ मामूली समस्याएं सामने आई थीं।
DGCA और मंत्री की सराहना
आलोक सिंह ने DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू की सतर्कता की तारीफ करते हुए कहा कि विमान को उड़ान की अनुमति देने से पहले सभी तकनीकी जांच दो बार होती है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
'मेडे कॉल' का महत्व बताया
उन्होंने 'मेडे कॉल' की अहमियत को भी समझाया, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपात स्थिति में दिया जाने वाला संदेश होता है। इस कॉल के बाद विमान को प्राथमिकता के आधार पर लैंडिंग या एयरस्पेस मिलती है।
सिर्फ 57 सेकेंड चला विमान
सिंह ने बताया कि हादसा टेकऑफ के तुरंत बाद हुआ। विमान सिर्फ 57 सेकंड तक हवा में रहा और 26वें सेकेंड में वह रुक गया। इतनी कम ऊंचाई पर पायलट के पास कोई विकल्प नहीं था और विमान नजदीकी इमारत से टकरा गया।
डीएनए पहचान जारी
वहीं गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि अब तक 19 मृतकों की पहचान डीएनए मिलान से हो चुकी है। बाकी की पहचान का कार्य फॉरेंसिक टीम और नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) की मदद से रातभर जारी है।
अब समझिए घटना का पूरा विवरण
गुरुवार को एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI171 ने अहमदाबाद से उड़ान भरी थी। थोड़ी देर बाद ही विमान BJ मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर्स हॉस्टल से टकरा गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि एकमात्र जीवित यात्री विश्वाशकुमार रमेश अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। देखा जाए तो यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास के सबसे भीषण हादसों में से एक बन गया है।