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राष्ट्रीय

News by Shubham   04 Apr, 2025 03:15 AM

Waqf Bill in Rajya Sabha: बृहस्पतिवार देर रात करीब 13 घंटे लंबी चर्चा के बाद राज्यसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। लोकसभा की तरह उच्च सदन ने भी विधेयक में विपक्ष द्वारा किए गए सभी संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा और जैसे ही सरकार इसे अधिसूचित करेगी, यह कानून का रूप ले लेगा। बता दें कि राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 128 वोट पड़े वहीं 95 सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया।  

विधेयक पर चर्चा की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई। विपक्ष की ओर से मल्लिकार्जुन खरगे, रामगोपाल यादव, कपिल सिब्बल समेत कई दिग्गज नेताओं ने विधेयक का विरोध किया और इसे मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में सरकार की अत्यधिक दखलअंदाजी के रूप में देखा। दूसरी तरफ, सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, जेपी नड्डा, राधामोहन अग्रवाल और उपेंद्र कुशवाहा ने विधेयक का समर्थन किया और विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया।

विधेयक में क्या बदलाव किए गए हैं?
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के सभी सवालों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने सबसे पहले विपक्ष के उस आरोप को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों का बहुमत होगा। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि वक्फ काउंसिल में 20 सदस्य होंगे, जिनमें से चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते। इसी प्रकार, राज्य स्तर पर 11 सदस्यीय वक्फ बोर्ड में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते। रिजिजू ने कहा, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड में मुसलमानों का ही बहुमत रहेगा।"

विपक्ष के कई सुझावों को शामिल, एक नजर महत्वपूर्ण
1. रजिस्टर्ड संपत्तियों में छेड़छाड़ को रोकने का प्रावधान।
2. गैर रजिस्टर्ड वक्फ ट्रस्टों के लिए छह महीने की समय सीमा को बढ़ाया गया, जिसे विपक्ष के सुझाव पर संशोधित किया गया।
3. वक्फ संपत्ति को लेकर विवादों का निपटारा करने के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

विधेयक में बदलाव और विपक्ष का विरोध
केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। यह संशोधन भी विपक्ष के सुझाव पर ही विधेयक में शामिल किया गया था। इसके अलावा, गैर रजिस्टर्ड वक्फ ट्रस्टों के लिए समय सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव भी विपक्ष के सुझाव पर लिया गया था।

रिजिजू ने कहा, "हमने विधेयक में कई बड़े बदलाव किए हैं, जो विपक्ष के द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान करने के लिए किए गए हैं। यदि हम सुझावों पर ध्यान न देते, तो विधेयक का जो प्रारूप पहले आया था, वह आज पेश विधेयक से अलग होता।"

वक्फ संपत्ति के दान के नियम पर मंत्री का स्पष्टीकरण
एक और महत्वपूर्ण मुद्दा था, वक्फ के लिए संपत्ति दान करने के नियमों को लेकर। कुछ विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया था कि वह कैसे जानेंगे कि कोई व्यक्ति प्रैक्टिसिंग मुस्लिम है या नहीं। इस पर रिजिजू ने जवाब दिया कि इस प्रकार का फैसला समाज के धार्मिक अभ्यासों के आधार पर लिया जाएगा, जैसा आज भी किया जाता है। उन्होंने कहा, "हम यह कैसे तय करते हैं कि कौन किस धर्म का पालन करता है? इसी तरह भविष्य में भी यह तय किया जाएगा कि वक्फ के लिए संपत्ति दान करने वाला व्यक्ति प्रैक्टिसिंग मुस्लिम है या नहीं।"

विधेयक का उद्देश्य और महत्व, समझिए
वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और उनके सही उपयोग को सुनिश्चित करना है। इसके माध्यम से वक्फ संपत्तियों को अधिक पारदर्शी तरीके से नियंत्रित किया जाएगा और उनकी गलत इस्तेमाल की संभावना को रोका जाएगा। इसके साथ ही, यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी मजबूत करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी संपत्ति गलत तरीके से कब्जा न की जाए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार होगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन संपत्तियों का सही उपयोग हो सके, जिससे समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग को लाभ हो। 

आखिरकार, विधेयक को मंजूरी
कुल मिलाकर, यह विधेयक सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग को लेकर सुधार की दिशा में है। हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे सरकार की ओर से धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में देखा है। इसके बावजूद, राज्यसभा ने विधेयक को मंजूरी दे दी है और अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा, जिससे यह कानून का रूप ले लेगा।

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